क्या अब तू थोड़ा मुस्कुराना चाहेगा........ तेरे आँखों में जो ख्वाब अधूरे है, तू उसे रोशन करना चाहेगा। दुनिया की जुबाँ से निकम्मा या मुकद्दर का सिकंदर सुनना चाहेगा।। क्या अब तू थोड़ा मुस्कुराना चाहेगा......... कल तक जो बुरा था, उसे भूलने के लिए जब तू कदम बढ़ायेगा। देखना उम्मीद की परियाँ, तेरे कदमो में जित के फूल बिछायेंगी।। क्या अब तू थोड़ा मुस्कुराना चाहेगा......... माँ से किये वादे को तू ऐसे भूल जायेगा, पापा ने जो तेरे लिए ख्वाब सजाये है क्या उसे तू पूरा करना चाहेगा। क्या अब तू थोड़ा मुस्कुराना चाहेगा......... कल तू जिस मुकाम का पीछा करता था, वो तेरे कदमो में गिर जायेगा। बस तू हौसला रखना उम्मीद मत तोडना, तेरे हर दिन को ये बेहतर ये बनाएगा।। ये याद रखना अगर मुश्किलों का पहाड़ भी होगा, तो उसे तोड़ने का तुझे हौसला आएगा।। क्या अब तू थोड़ा मुस्कुराना चाहेगा......... Author...... Satyam singh ...
माँ के प्यार पर लिखी गयी ये अनोखी कविता आपकी आँखे भर देंगी || This unique poem written on mother's love will fill your eyes ||
तेरा गुनहगार हूँ माँ, आज भी याद है, जब तुम तपती धूप में काम करके घर आती थी मेरा राजा बेटा कहाँ है बोल के दौड़ते हुए मुझे गले से लगाती थी, शाम को खाने में मेरे लिए खीर और पूरी बनाती थी, ...... उठ जा ना माँ ........ तेरा गुनहगार हु माँ | जब मैं स्कूल, बैग के लिए कई दिनों तक नहीं गया था, तू उधार माँग के लायी थी, उनके घर कई दिनों काम करके उनका कर्ज चुकायी थी, ऐसे दुष्ट नालायक को माँफ कर दे ना, ...... उठ जा ना माँ ........ तेरा गुनहगार हु माँ | याद है माँ, जब मैने साईकल के लिए जिद किया तूने महीने भर, लोगो से कई घंटे ज्यादा काम किया था हाँ, जब मैं उस लड़की को जिसे मै प्यार करता था, तेरे सामने लाया था, तूने मेरी ख़ुशी के लिए, कि बहू है मेरी ये बोल के गले लगाया था ...... क्या तुझे कुछ याद नहीं ....... माफ़ भी कर दे, अब उठ जा ना माँ तेरा गुनहगार हु माँ | जब मै शादी करके अपनी वाइफ के साथ विदेश जा रहा था, तूने बस इतन...