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हम जीवन में सफल कैसे बने ?||How did we become successful in life ?

ई लोगो कहते है कि हम बहुत मेहनत करते है सच्चाई और लगन से मेहनत है पर सफल हो पाते, दिन रात मेहनत करने के बाद भी असफलता ही हाथ आती है  ऐसा क्यों हो रहा है हमारे साथ, सब कुछ try करके देख लिया पर success नहीं मिल पा रही है, इसे के चलते कई लोग अंधविश्वास के चक्कर में पद जाते है जो जैसी सलाहें देता जाता है वैसा - वैसा करने लग जाते है फिर जब ये सब करने के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिलती तो उनके जीवन में उनके मन में निराश और चिंता आ जाती है, कि मेरी जिन्दगी में अब कुछ भी, बदलने नहीं वाला, मेरे साथ कभी कुछ अच्छा नहीं हो सकता | कभी-कभी लोगो की बाते सुन के बहुत अजीब लगता है किसी ने हमसे कहा की आपकी बाते बिलकुल सही है हमें आपकी बाते अच्छी भी लगती है पर अभी कर्क राशि वालो का समय अच्छा नहीं चल रहा, अभी मीन राशि वालो का समय अच्छा नहीं चल रहा, अभी हम कुछ नहीं करेंगे अभी हम केवल चुप करके बैठेंगे | कौन-सी दुनिया में हो आप हमने पहले भी कहा है कि ज्योतिषी केवल एक संम्भावना है जिसे पूरी तरह से बदला जा सकता है ज्योतिष गलत नहीं है पर उसका ज्ञान बहुत ही काम लोगो होता है और ज्योतिष आपकी Karmic energy को follow करता है जैसा आप कर्म करते है वैसे ही आपके Planet work करने लग जाते है तो कर्म की शक्ति इस दुनिया  सबसे बड़ी शक्ति है आप कृपया करके अंधविश्वासो में न पड़े, आपके कर्म की शक्ति सबसे ज्यादा Powerfull है, आप जो चाहे पा सकते है लोग अपनी सोच के दायरे से बाहर ही नहीं निकल पाते बस एक सोच में फसे रहते है एक Limit हो गयी है एक सीमा एक दायरे में खुद की सोच को बाँध दिया है, इसलिए बड़ा सोच ही नहीं पाते और जिस इंसान ने अभी बड़ा सोचना ही शुरू नहीं किया, तो वो कैसे किसी बड़ी मंजिल को पा सकता है You have to think big to be big इसलिए अपनी सोच को इस दायरे से बाहर निकालिये अपनी सोच को बड़ा कीजिये | Think big, Act big, and The result will be the big, यदि आप अपनी सोच को बड़ा कर लेंगे, अपने विश्वास को बड़ा कर लेंगे, और अपने Action को बड़ा कर लेंगे, तो आप जो चाहो वो पा सकते हो | हमारी सोच एक दायरे में बँधी रहती है इसलिए हम कुछ दूर का देख ही नहीं पाते |
एक राजा ने अपने शहर के सौ महात्माओ को बुलाया और उनसे कहा की आज मई बहुत खुश हूँ इस नगर से बाहर मेरी बहुत बड़ी जमीन है आप में से जो जितनी लेना चाहे वो ले ले पर शर्त ये है कि  हर कोई उस पर अपनी Baundary बना ले, उस पर अपनी सीमा बना ले कि ये जमीन मेरी है जो जितनी बड़ी जमीन को घेर लेगा वो जमीन उसकी हो जाएगी | सारे महात्मा बहुत खुश हो गये, सब ने पूरी कोशिश की, कि  ज्यादा से ज्यादा जमीन हम घेर ले, सब ने अपने अपने आश्रम बेच के जो कुछ भी था सब कुछ बेच के उस जमीं की Baundary पर लगा दिया, कि हम ज्यादा से ज्यादा जमीन रोक ले, राजा ने उन सबको एक महीने का समय दिया था, एक महीने बाद राजा ने फिर उन सबको बुलाया, वो सौ महात्मा मिल के राजा के पास आये, राजा ने पूछा कि क्या अपने अपनी-अपनी जमीन घेर ली, सब ने कहा हाँ हम सब ने अपनी अपनी जमीन घेर ली है, और उस पे अपनी Baundary लगा ली है, तो राजा ने कहा फिर ठीक है, आप में से जिसने सबसे ज्यादा जमीन घेरी है, सबसे बड़ी जमीन ली है वो आगे आ जाओ, क्योकि जिसकी जमीन सबसे ज्यादा बड़ी होगी उसको मै अपना राजपुरोहित बनाऊंगा, सब लोग एक दूसरे को देखने लगे, किसी को ये पक्का निश्चय नहीं था कि हमारी जमींन सबसे बड़ी है या नहीं, सब एक दूसरे को देख रहे थे, पीछे से एक महात्मा की आवाज आयी, उसने कहा राजा सबसे बड़ी जमीन मेरी है, सब ने उस महात्मा को देखा और सब सोच में पड़ गए, कि ये महात्मा तो एक महीने तक तो चुप करके बैठा रहा इसने तो कोई Baundary नहीं घेरी, जब हम सब मिल के काम कर रहे होते थे, तो ये फालतू बैठा रहता था, इसने तो शायद कोई भी जमीन नहीं घेरी होगी | फिर राजा ने उससे पूछा दिखाओ आपकी जमीन कहा है, मैं देखना चाहता हूँ आपकी जमीन, राजा उन सब महात्माओं को लेकर उस जगह पर आ गया जहाँ पे वो महात्मा उन सब को लेकर आया, उसने कहा राजा जहाँ पे इन सब महात्माओ की जमीन खत्म होती हैं वहाँ से मेरी जमीन शुरू होती है ये सारी जमीन ये सारी मेरी है, जहाँ  से इन सब महात्माओ की जमीन ख़त्म होती है, वहाँ से मेरी शुरू होती है, ये सारी जमीन ये सारी मेरी है, जहाँ से इन सब महात्माओ की Baundary ख़त्म हो चुकी है, उसके आगे की सारी जमीन वो मेरी है, सारे महात्मा कहने लगे अरे तुम्हारी कैसे हो गयी, तुम ने तो उस पर Baundary भी नहीं लगायी | तो उस महात्मा ने उन सब महात्माओ से कहा, कि जब तुम सब Baundary बनाने में लगे हुए थे तब मैंने कहा, जब सारी जमीन मेरी हो सकती है जब राजा ने छूट दे दी है, तो मै क्यों Baundary बनाऊ जीतनी भी जमीन बचेगी वो सारी मेरी, उस महात्मा की इस समझदारी पे राजा बहुत प्रसन्न हो गया, और वो सारी जमीन उस महात्मा के नाम पर कर दी, और उसे अपना राजगुरु भी बना दिया, उसे ऐसा ही बुद्धिमान राजगुरु चाहिए था | ये कहानी हमारी है, साडी दुनिया की भीड़ एक Baundary बनाने में लगी हुई हैं,  कि  इतना मिल जाये, ये नौकरी मिल जाये, ये घर मिल जाये, एक Limit Set कर दी है अपनी Life में, पर जो महान लोग होते है वो Life में कोई Limit Set नहीं करते, उनकी सोच साधारण लोगो की सोच से बहुत आगे होती है, वो अपनी सोच को, अपने सपनो को किसी Limit में नहीं बांधते | तो यदि आप भी जिंदगी में सफल होना चाहते है, कामयाब होना चाहते है, तो अपनी इन छोटी सोच से बाहर आईये अपनी सोच को बड़ा कीजिये, सिर्फ मेहनत करना ही काफी नहीं होता, मेहनत तो एक मजदूर भी करता है, और मेहनत एक बड़ी कंपनी का मालिक भी करता है, पर दोनों के मेहनत करने तरीके में बहुत अन्तर है, बस उसी अन्तर को समझना है, बस वही अन्तर आपके जीत का राज है, और वो अन्तर क्या है, वो अन्तर है, सोच का, यदि आप बेहतर सोच सकते है, बड़ा सोच सकते है, तो आप सब कुछ पा सकते है, तो आप हर जंग जीत सकते है, तो आप हर काम में सफल हो सकते है|

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