मुझको झूठी तसल्ली देकर क्यों समझाता है,
बार-बार तू मुझको क्यों बहलाता है,
छोड़ न यार उसकी याद क्यों दिलाता है.
जो कभी भूल कर भी न पूछे, उसके पास क्यों ले जाता है,
छोड़ न यार उसकी याद क्यों दिलाता है.
जो एक मैसेज का जवाब आज तक नहीं दे पाती है,
जिसके एक सवाल का जवाब मांगू, तो मुँह फेर के चली जाती है
छोड़ न यार उसकी याद क्यों दिलाता है.
जो किये हर वादे को तोड़ जाती है,
जो बोलती थी कि ये जिंदगी तुम्हारी है, वो एक मिनट तक नहीं दे पाती है,
छोड़ न यार उसकी याद क्यों दिलाता है.
जो आज सामने आ कर भी नजर नहीं मिला पाती है,
जो मुझे देखकर भी अनदेखा कर जाती है,
जो साथ बिताये हर शाम को भी भूल जाती है,
छोड़ न यार तो बार-बार उसकी याद क्यों दिलाता है.......
Author-- Satyam singh
Comments
Post a Comment